बैंक लोन, अपहरण का नाटक और 60 लाख की फिरौती... एक कारोबारी की साजिश का ऐसे हुआ पर्दाफाश

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उत्तर प्रदेश के गोंडा में एक कारोबारी के द्वारा रची गई अपने ही अपहरण की साजिश का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी की पहचान अर्जुन कुमार (35) के रूप में हुई है. वो जिले के कर्नलगंज क्षेत्र के बसेहिया गांव का रहने वाला है. फूल के कारोबार का काम करता है. पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

पुलिस के मुताबिक, 24 जुलाई को फूल व्यापारी अर्जुन कुमार गांव से कर्नलगंज बाजार गया हुआ था. लेकिन देर रात तक वो घर वापस नहीं लौटा. घरवालों ने काफी खोजबीन के बाद स्थानीय थााने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी. पुलिस ने उसकी तलाश के लिए कई टीमें लगा दी. इसी बीच गुरुवार को उसके भाई राकेश कुमार को एक कॉल आया.

गोंडा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विनीत जायसवाल ने शनिवार को बताया कि कॉलर ने राकेश को बताया कि अर्जुन का अपहरण हो गया है. उसकी रिहाई के लिए 60 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई. इधर पुलिस सर्विलांस के जरिए लगातार अर्जुन को ट्रैक कर रही थी. उसकी लोकेशन हरिद्वार में मिल गई. पुलिस ने वहां जाकर उसे बरामद कर लिया.

पुलिस द्वारा पूछताछ में अर्जुन कुमार ने बताया कि उसने परिवार के सदस्यों को सूचित किए बिना 31 लाख रुपए का कर्ज लिया था. कारोबार में नुकसान होने के कारण वो कर्ज चुकाने में असमर्थ था. इसलिए उसने अपने अपहरण का नाटक किया. उसे उम्मीद थी कि परिवार के सदस्य फिरौती का इंतजाम कर देंगे, जिससे वो अपना कर्ज चुका सकेगा.

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बताते चलें कि इसी तरह का एक मामला मार्च में कोटा में सामने आया था. यहां एक छात्रा ने विदेश में पढा़ई के लिए अपने अपहरण का साजिश रच डाली थी. लेकिन पुलिस ने लंबी जांच के बाद उसकी साजिश का पर्दाफाश कर दिया था. पुलिस ने बताया था कि बच्ची के अपहरण की वारदात हुई ही नहीं थी. ये कहानी विदेश में पढ़ने के लिए रची गई थी.

इंदौर में रहने वाले छात्रा के एक दोस्त ने पुलिस को बताया था कि उसके साथ उसके दो दोस्त भी विदेश में पढ़ाई करने जाना चाहते थे. छात्रा तीन से पांच अगस्त 2023 को कोटा में नीट की तैयारी के लिए कोचिंग में दाखिला लेने अपनी मां के साथ आई थी. इसके बाद वो इंदौर में रहने चली गई. यहां कोटा में वह कभी रही ही नहीं थी.

वह घर वालों को जो टेस्ट के नंबर भेज रही थी, वह भी किसी कोचिंग से नहीं मिल रहे थे. इंदौर में वो दो दोस्तों के साथ रह रही थी. छात्रा के एक दोस्त को जब पुलिस ने ट्रेस किया, तो उसने पूरी कहानी पता चल गई. छात्रा के पिता को वॉट्सअप नंबर पर बेटी के हाथ-पैर और मुंह बंधा होने की फोटो भेजकर 30 लाख रुपये की फिरौती की मांग की गई थी.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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